माना जाता है कि राधा और कृष्ण की शादी कराने में ब्रह्मा जी का बड़ा योगदान था।
भगवान ब्रह्मा ने जब श्रीकृष्ण को सारी बातें याद दिलाईं तो उन्हें सबकुछ याद आ गया। इसके बाद ब्रह्मा जी ने अपने हाथों से शादी के लिए वेदी को सजाया।
गर्ग संहिता के मुताबिक शादी से पहले उन्होंने श्रीकृष्ण और राधा से सात मंत्र पढ़वाए। भांडीर वन के वेदीनुमा वही पेड़ के नीचे जहां पर बैठकर राधा और कृष्ण ने शादी हुई थी।
दोनों की शादी कराने के बाद भगवान ब्रह्मा अपने लोक को लौट गए। लेकिन इस वन में राधा और कृष्ण अपने प्रेम में डूब गए।
दरअसल गर्ग संहिता के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ही इस जगत के आधार हैं। माना जाता है कि जिस तरह से शिव की शक्ति पार्वती हैं। उसी तरह से भगवान कृष्ण की शक्ति राधा हैं।
शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
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