हिन्दी के चर्चित कहानीकार डॉ राजेश श्रीवास्तव शम्बर का एक मात्र कथासंग्रह अहम ब्रह्मास्मि १९९९ मे पड़ाव प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था । इसके बाद उनकी कई कहानिया पत्र पत्रिकाओं मे आईं । कुछ खास कहानियाँ ये हैं -
१- लहरों का द्वंद्व - सारिका १९८४
२-काला आदमी - वागर्थ २००६
३ - सलोनी -साक्षात्कार २००६
४- भादों की दोपहर - समरलोक २००८
५ - इहम्राग - जज्बात २००७
६- पलाश के फूल -
कुछ नाम भूल भी रहा हूँ जो मेने पडी हैं ।
लगभग दो दर्ज़न कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और दो नाटक (तीन के चौवन , जय यात्रा )तैयार है । देरों लेख ३०-४०- शोधपत्र , व्यंग लेख ,लघुकथाएं और कवितायें हमारे सामने हैं । कविता के लिए उन्हें जनार्दन सम्मान २००५ मिला है । वे एन सी सी के कैप्टेन भी हैं और गवर्मेंट कोलेज मे प्रोफेसर हैं । अच्छे पत्रकार भी रह चुके है और बासुरी गजब की बजाते हैं ।
( उनके ही ब्लॉग पर चोरी से यह सब लिख दिया । किसी को अपने ब्लॉग का पासवर्ड नहीं बताना चाहिए । )_
अनिमेष केतन , पारा-डी किस्च्ले , लन्दन यु के १३३७-२३४५ ऍफ़
गुरुवार, 18 दिसंबर 2008
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